वास्तु शास्त्र*
घर में वास्तु दोष होते हैं तो किसी भी काम में आसानी से सफलता नहीं मिल पाती है। यहां जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसे उपाय जो घर के वास्तु दोष दूर कर सकते हैं। इन उपायों से देवी-देवताओं की कृपा मिल सकती है और बेडलक दूर हो सकता है।
जानिए दुर्भाग्य दूर करने वाले उपाय…
1⃣ पहला उपाय
वास्तु दोष दूर करने के लिए रोज सुबह-शाम पूजा करें। पूजा के साथ ही गंगाजल का छिड़काव घर के सभी कमरों में करें। इससे घर की सारी नकारत्मक ऊर्जा खत्म हो सकती है।
2⃣ दूसरा उपाय
घर के वास्तु दोष दूर करने के लिए बाथरूम में एक कटोरी में खड़ा यानी साबुत नमक रखें। नमक में नकारात्मकता ग्रहण करने की क्षमता होती है।
3⃣ तीसरा उपाय
घर के मंदिर में सुबह-शाम कर्पूर जरूर जलाएं।
4⃣ चौथा उपाय
घर से बेडलक और नकारात्मकता को दूर रखने के लिए मुख्य द्वार पर अशोक के पत्तों की वंदनवार लगाएं। ऐसा करने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है।
5⃣ पांचवां उपाय
वास्तु दोष दूर करने के लिए घर में वास्तु दोष नाशक यंत्र रखें। इस यंत्र के शुभ असर से घर में सकारात्मकता बढ़ती है। बिना तोड़-फोड़ वास्तु दोष दूर हो सकते हैं।
6⃣ छठा उपाय
देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर के मंदिर में श्रीयंत्र रखें।
अधिक मास
*इन दिनों अधिक मास चल रहा है, जो 13 जून तक रहेगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से सभी प्रकार के सुख मिल सकते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, अधिक मास में अगर भगवान श्रीकृष्ण के कुछ खास मंत्रों का विधि-विधान से जप किया जाए तो पैसा, सुख-समृद्धि, शांति आदि सभी कुछ मिल सकता है। ये हैं भगवान श्रीकृष्ण के कुछ खास मंत्र…
यह भगवान श्रीकृष्ण का मूल मंत्र हैं। इस मंत्र का जप करने से रुका हुआ पैसा मिलने की संभावना बढ़ सकती है। साथ ही परिवार में सुख-शांति भी बनी रहती है।
मंत्र – कृं कृष्णाय नमः
यह भगवान श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर मंत्र है। अधिक मास में इस मंत्र का जप करने से हर तरह की समस्या का अंत हो सकता है साथ ही लाइफ में शांति बनी रहती है।
मंत्र – ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
पति-पत्नी के बीच यदि कोई समस्या हो या वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ रही हो तो रोज इस मंत्र का जप करना चाहिए।*
मंत्र – ऊं नमो भगवते श्रीगोविन्दाय
ऐसे करें इन मंत्रों का जप
*अधिक मास में रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद तुलसी की माला से इन मंत्रों का जप करें। कम से कम 5 माला जप जरूर करें। सामने भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति हो या गुरुदेव की हो तो और भी अच्छा रहेगा।